गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता एवं शुभ लाभ के प्रदाता हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, हिंदू धर्म में जब भी कोई पूजा यज्ञ या हवन होते हैं उसमें सबसे पहले भगवान गणेश से ही शुरुआत होती है क्योंकि भगवान गणेश हर तरह की विघ्न, रुकावट दूर करने वाले माने जाते हैं अर्थात यदि पूजा या यज्ञ में कोई कमी रह जाती है तो वह भगवान गणेश के नाम मात्र से ही वो दूर हो जाती है।
किसी व्यक्ति का व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा है, घर में कलह, अशांति है, आमदनी कम खर्च ज्यादा एवं नौकरी में तरक्की नहीं हो रही है, समस्त समस्याएं भगवान गणेश की पूजा मात्र से ही समाप्त हो जाती हैं तथा व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश को सभी दुखों का पालन हारा माना जाता है। बुधवार के दिन गणपति पूजन एवम व्रत करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं, गणेशजी मनुष्य के जीवन में चल रही किसी भी परेशानी का समाधान बहुत ही जल्दी देते हैं तथा रुके हुए काम भी आसानी से पूरे हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में पाँच देवी- देवता यानि कि सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति मॆ भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है।
ज्योतिष के अनुसार गणेशजी के कुछ ऐसे बताए गए हैं जिससे किस्मत खुलते देर नहीं लगती तथा धन संबंधी समस्या भी समाप्त हो जाती है।
बुधवार के दिन श्रीगणेशजी की विधि विधान से पुजा करें गुड व घी का भोग लगाएं थोड़ी देर बाद यह भोग गाय को खिलादें।
बुधवार के दिन किसी हाथी को हरा चारा खिलाएं कोशिश करें कि चारा हाथी को ही खिलाएं हाथी ना हो तो गाय को खिला दें तत्पश्चात मंदिर जा कर गणेशजी की आराधना करें।
मंदिर में पूरब की ओर मुख करेक पिले रंग के आसन पर बैठे तथा कांसे की थाली में सफेद चंदन से मंत्र- ऊ श्री ही क्ली ग्लो गंगणपतये वर वरदेनमः लिखें एवम जाप करें मनोकामना पूर्ण होगी।
पूजा में दूर्वा अवश्य चढ़ाएं तथा पीले फूल, चंदन दीप व भोग में पीले लड्डू चढाये।
बुधवार के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल के साथ आठ सुपारी अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से कार्य में आने वाली बाधा, रुकावट परेशानी दूर होती है तथा यदि आपकी कुंडली में केतु का दुष्प्रभाव है वह भी कम होता है तथा बुध मजबूत बनता है।
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