हिंदू धर्म के अनुसार सिंदूर को काफी महत्व दिया गया है। प्रत्येक शादी-शुदा महिलाएं सिंदूर को अपने माथे पर लगाती हैं। हिंदू धर्म के अनुसार यह महिलाओं के लिए सुहाग का प्रतीक होता है, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सिंदूर नहीं लगाना अशुभ माना गया है। महिलाएं सिंदूर को अपने माथे पर लगाने के चक्कर में कई बार जल्दबाजी या अनजाने मे कई गलतियां कर बैठती हैं, जिसका असर उनके एवं उनके पति पर पड़ता है।
सिंदूर लगाने के कई तरीके होते हैं, माथे पर सिंदूर लगाते वक्त महिलाओं को सतर्कता बरतनी चाहिए, यह तय करना चाहिए कि सिंदूर माथे के बीचो- बीच लगा है या नहीं। कई महिलाएं सिंदूर को माथे के किनारे पर लगाती हैं, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना गया है कि ऐसा करने से पति धीरे-धीरे उन महिलाओं से दूर होने लगता है।
जो महिलाएं मांग में सिंदूर नहीं लगाती हैं या लगाने में शर्मा ने लगती हैं तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पति- पत्नी के बीच में प्रेम कम होने लगता है, उनके रिश्ते में मजबूती कम होने लगती है एवं कड़वाहट आने लगती है एवं उनमें दूरी बढ़ने लगती है तथा उनके जो पति होते हैं वह भाग्यहीनता के शिकार होने लगते हैं।
सिंदूर हमेशा लंबा लगाना चाहिए, छिपाकर लगाया गया सिंदूर महिला के पति पर असर करता है, ऐसा माना जाता है कि ऐसी महिलाओं के पति से समाज धीरे-धीरे दूर होने लगता है।
सिंदूर कभी मांगकर नहीं लगाना चाहिए, हमेशा अपने पैसों से खरीदकर ही लगाना चाहिए। यदि सिंदूर आपके पति आपको भेंट करें तो यह आपके एवं आपके पति के लिए भाग्यशाली होगा। किसी अन्य द्वारा उपहार में मिला हुआ सिंदूर कभी ना लगाएं, उपहार में मिला हुआ सिंदूर मंदिर में दान कर दें अन्यथा भाग्यहीन्ता एवं दरिद्रता आपके घर चली आएगी।
सिंदूर को कभी इधर- उधर पटक कर ना रखें, मांग में भरने का सिंदूर हमेशा अलग रहना चाहिए तथा पूजा में उपयोग में आने वाला सिंदूर हमेशा अलग रहना चाहिए। पूजा में रखा गया सिंदूर उतना ही रखा जाए जितना उपयोग में लिया जाए अन्यथा वह कूड़ेदान या नाली में जाता है, उसे नाली या कूड़ेदान में ना फेंके, इससे आपके पति के भाग्य पर असर पड़ता है एवं घर में दरिद्रता आती है।
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